Haldwani News, Top Stories, Headlines & Links
Current Affairs-Politics भगत जी के लिए किस्मत का रहा साथHaldwani, March 7, 2012 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2012 में खंडित जनादेश ने राजनीतिक दलों को आइना दिखा है। चुनाव में जहां मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी को हार का सामना करना पड़ा है, वहीं कालाढूंगी जैसी हॉट सीट से बंशीधर भगत की जीत उनके राजयोग का सबूत है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के स्टार हमेशा बुलंदी पर रहे हैं। यहीं वजह है कि पिछले चुनाव से लेकर अभी तक कई विषम परिस्थितियों में उनकी जीत के पीछे किस्मत का साथ रहा है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2012 में खंडित जनादेश ने राजनीतिक दलों को आइना दिखा है। चुनाव में जहां मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी को हार का सामना करना पड़ा है, वहीं कालाढूंगी जैसी हॉट सीट से बंशीधर भगत की जीत उनके राजयोग का सबूत है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के स्टार हमेशा बुलंदी पर रहे हैं। यहीं वजह है कि पिछले चुनाव से लेकर अभी तक कई विषम परिस्थितियों में उनकी जीत के पीछे किस्मत का साथ रहा है। भाजपा नेता बंशीधर भगत 5वीं बार विधायक चुने गए हैं। नए परिसीमन से पहली बार अस्तित्व में आई कालाढूंगी सीट से पहला विधायक बनने का गौरव भी बंशीधर भगत को मिला है। बंशीधर भगत एक कुशल जननेता हैं। तत्कालीन उत्तरप्रदेश सरकार में भारी भरकम मंत्री रह चुके हैं। बंशीधर भगत का पिछले पांच सालों का राजनीतिक कार्यालय देखें तो सफलता उन्हे चूमे हैं। बंशीधर भगत ने वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी डा. इंदिरा हृदयेश को हराकर सबको चौंका दिया। बंशीधर भगत की यह जीत कांग्रेस के प्रति जनता के गुस्से का परिणाम था। पांच सालों तक हल्द्वानी विधानसभा में राज करने के बाद भी बंशीधर भगत पर विकास कार्यों की उपेक्षा का आरोप लगते रहे। इससे भगत की छवि कमजोर हो गई। बंशीधर भगत को एहसास हो चुका था कि 2012 के चुनाव में कांग्रेस की डा. इंदिरा को हराना संभव नहीं है। इन परिस्थितियों में 2009 में नए परिसीमन से बंशीधर भगत के लिए विकल्प के रूप में कालाढूंगी सीट अस्तित्व में आ गई। हल्द्वानी का एक बड़ा क्षेत्र कालाढूंगी में शामिल हो गया, जिसमें बंशीधर भगत का गृह क्षेत्र भी शामिल है। कालाढूंगी सीट अस्तित्व में आने के बाद बंशीधर भगत ने हल्द्वानी छोड़कर कालाढूंगी से चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी। मसलन हल्द्वानी विधायकी का अधिकतर बजट कालाढूंगी के विकास में लगा दिया। 2012 चुनाव में हल्द्वानी से भाजपा के लिए मजबूत प्रत्याशी नहीं मिलने पर हाईकमान से बंशीधर भगत को हल्द्वानी से चुनाव लड़ाने का दबाव पड़ा। भाजपा हाईकमान कालाढूंगी से भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को चुनाव लड़ाना चाहता था। ऐन वक्त पर कट्टर कांग्रेसी रेनू अधिकारी के भाजपा की सदस्यता लेने से समीकरण बदल गए। रेनू का भाजपा में शामिल होना और फिर हल्द्वानी से भाजपा का टिकट हासिल करने से भगत के सभी कांटे दूर हो गए। कालाढूंगी सीट पर भी भगत की किस्मत उनके साथ रही। कांग्रेस के प्रबल दावेदार महेश शर्मा का ऐन वक्त टिकट कट गया। कांग्रेस के प्रकाश जोशी को चुनाव मैदान में उतारने और बागी महेश शर्मा के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भगत की जीत की राह आसान हो गई। आखिरकार निर्दलीय महेश शर्मा के कांग्रेस के वोटों में सेंधमारी करने से बंशीधर भगत को गद्दी मिल गई। ..Back «« |
Haldwani Top Stories
Welcome!Fri, 19 Apr 2024 09:36:26 +0530
उत्तराखण्ड की बदहाल और सड़ी हुई स्वास्थ्य ब्यवस्था...
चकराता के चातरा गांव में चले तेज तूफान के दौरान चट्टान गिर गई। इस हादसे में दस लोगों की मौत हो गई।...
देश के पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का निधन हो गया है. दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को शिलॉन्ग में उनका निधन हो गया....
सरला बिड़ला, विख्यात उद्योगपति बीके बिड़ला की पत्नी का दिल्ली में शनिवार की सुबह उनके निवास पर निधन हो गया।...
वन निगम व खनन कारोबारियों को हाई कोर्ट के एक आदेश से झटका लगा है। वन निगम की ओर से कोसी व दाबका नदी में मैनुअली शुरू कराए गए उपखनिज निकासी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने पुराने धर्मकांटे को ही पुराने अनुबंध शर्तो के आधार पर उपखनिज तुलाई के आदेश कर दिए हैं। 29 जनवरी से धर्मकांटे से ही तुलाई की जाएगी। तब तक उपखनिज निकासी बंद रहेगी...
Some useful links:
Exchange Links
Please write to links@haldwani.co.in with a subject line "Exchanging Link" if you want to exchange links between your site and Haldwani.co.in. Approval will be mutual and still at the sole discretion of the Administrators and Editors, based upon the content and nature of the site.