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खूब गरजे भाजपाई

PostPosted: Mon Mar 15, 2010 9:54 am
by dinjos12
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश स्तरीय जनाक्रोश रैली में उमड़े जनसैलाब के बीच खूब गरजे भाजपाई उन्होंने केंद्र सरकार को जम कर कोसा
महंगाई के खात्मे के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। पार्टी नेताओं ने रविवार को ऍम बी इंटर कॉलेज में हुई जनाक्रोश रैली में केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने यूपीए सरकार को गरीबों को खत्म करने वाली सरकार बताया, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार ने महंगाई के खिलाफ घर-घर तक आंदोलन पहुंचाने का आह्वान किया। एमबी इंटर कालेज के मैदान में कुमाऊं भर से हजारों की संख्या में आये पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने महंगाई को वर्तमान की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए केंद्र की संप्रग सरकार से दो-दो हाथ करने का संकल्प दिलाया। डा. निशंक ने कहा कि जब-जब केंद्र में कांग्रेस सत्तासीन रही , तब-तब महंगाई बेकाबू रही। इस कांग्रेस नेतृत्व की सरकार ने लोगों की कमर तो पहले ही तोड़ दी थी, अब जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ाकर गर्दन भी तोड़ दी है। कांग्रेस गरीबों को मिटा रही है, हम कांग्रेस को ही मिटाकर छोड़ेंगे। उन्होंने उत्तराखंड राज्य गठन का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 50 साल के शोषण के बाद भी हमें अपना राज्य नहीं दिया लेकिन भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने सत्ता संभालते ही न केवल हमें अपना राज्य दिया, बल्कि 2013 तक औद्योगिक पैकेज भी दे दिया, जिसे कांग्रेस ने सत्ता में आते ही घटा लिया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक पैकेज की अवधि नहीं बढ़ी तो राज्य की जनता दिल्ली की सड़कों पर उतर पड़ेगीस, क्योंकि पैकेज न रहने से कई लाख करोड़ का निवेश राज्य की झोली से चला जायेगा और लाखों लोग नौकरी से वंचित हो जायेंगे। राष्ट्रीय महामंत्री अनंत कुमार ने कहा कि केंद्र के खिलाफ देवभूमि तलवार शेष पृष्ठ 15 पर केंद्र के खिलाफ भाजपा का शंखनाद लेकर खड़ी हो गयी है, यह संदेश वह कर्नाटक तक पहुंचायेंगे। उन्होंने महंगाई को लेकर सीधे तौर पर केंद्र की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार के समय बाजार में वस्तुएं कोटे की दुकान से कम दाम पर मिल रही थीं पर आज उनके दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। इस महंगाई के लिए उन्होंने केंद्र के आयात-निर्यात के खेल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि चीनी यहां से 14 रुपये किलो की दर से विदेश भेजी जा रही है, जिसे 40 रुपये किलो की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन की तर्ज पर देश में महंगाई के खिलाफ आंदोलन चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है और 21 अप्रैल को देश के करोड़ों कार्यकर्ता महंगाई के विरोध में संसद का घेराव करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने महंगाई के लिए सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आम जनता का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस को सबक सिखाने के बाद ही महंगाई खत्म होगी। भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी डा. अनिल जैन ने कहा कि घोटाले के कारण महंगाई बढ़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूड़ी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में महंगाई को नियंत्रण में करने का वादा किया था, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे पहले जब-जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही है, तब-तब महंगाई चरम पर रही है। पूर्व सीएम व राज्यसभा सदस्य भगत सिंह कोश्यारी ने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि महंगाई के खिलाफ अब एकजुट हो जायें और केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकें। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि कुमाऊं की जनता ने जनाक्रोश रैली को रैला का रूप दे दिया है। इससे साबित हो गया है कि महंगाई से आम जनता किस हद तक परेशान है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत ने कहा कि महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार का तख्ता पलटने तक संघर्ष किया जायेगा। रैली का संचालन प्रदेश महामंत्री सुरेश जोशी ने किया।


source : jagran

आखिर एक दिखी भाजपा

PostPosted: Mon Mar 15, 2010 9:58 am
by dinjos12
गणेश जोशी,हल्द्वानी भीड़ कितनी रही? राजनैतिक लाभ क्या होगा? इन सवालों के उत्तर खोजने में बहस हो सकती है। लेकिन जनाक्रोश रैली सत्ता मिलने के बाद आमने-सामने रहने वाले पार्टी नेताओं को एक मंच पर लाने में कामयाब रही। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी व भगत सिंह कोश्यारी भी खूब बतियाते नजर आये। भाजपा में राज्य की सत्ता मिलने के बाद से ही आपसी मतभेद शुरू हो गये। स्थिति यहां तक पहुंच गयी, कि पार्टी नेता संगठनात्मक अनुशासन को भूलकर सार्वजनिक रूप से आपसी खींचतान पर उतर आये। इसी का परिणाम रहा कि पार्टी हाईकमान को मुख्यमंत्री तक बदलना पड़ा। लेकिन नेताओं की आपसी खटास कम नहीं हुई। इतना जरूर हुआ कि नेता एकदूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने से बचने लगे। लेकिन शहर में रविवार को हुई जनाक्रोश रैली नेताओं को एक साथ लाने में कामयाब रही। नित्यानंद स्वामी को छोड़कर पार्टी के सभी पूर्व मुख्यमंत्री, अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्षों ने रैली में जोरशोर से भाग लिया। मुख्यमंत्री के साथ आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री श्री खंडूरी की आगवानी खुद श्री कोश्यारी ने की। इसके अलावा सभी नेताओं ने अपने संबोधन के दौरान एकदूसरे का पूरा सम्मान भी रखा। बराबर-बराबर बैठे कोश्यारी व खंडूरी आपस में कानाफूसी भी कर रहे थे। रैली के बीच यह चर्चा का विषय बन गया। राजनीति के जानकारों का कहना है कि रैली से आपसी दूरियों को मिटाने वाले पार्टी नेताओं का यही रवैया भविष्य में भाजपा को मजबूत किया जा सकता है।
source : Jagran